--रितेश कश्यप
झारखंड एवं पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त रांची के वरिष्ठ न्यूरो फिजिशियन डॉ केके सिन्हा का आज सुबह मेडिका अस्पताल में निधन हो गया।
डॉक्टर के के सिन्हा कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और कल ही उन्हें मेडिका अस्पताल से घर वापस भेजा गया था. बताया गया कि पिछले दिनों बाथरूम में फिसल कर गिर जाने के बाद उनके कमर में काफी चोट आ गयी थी। गुरुवार को उनका पेट अचानक फूल जाने के बाद उन्हें मेडिका अस्पताल लाया गया था। इलाज के दौरान अस्पताल में एनिमा दिया गया था और उनके कमर की भी जांच की गयी थी मगर शनिवार की सुबह उनका देहांत हो गया ।
डॉ केके सिन्हा रांची के ही नहीं बल्कि देश के जाने-माने न्यूरो फिजिशियन थे. उनके जाने से रांची के चिकित्सा जगत में शोक की लहर दौड़ गयी है । परिजनों ने बताया कि शनिवार को डॉ केके सिन्हा का अंतिम संस्कार होगा।
कैसे थे डॉ के के सिन्हा
डॉ केके सिन्हा देश के जाने-माने न्यूराेफिजिशियन थे । लोगों का कहना था की डॉ सिन्हा इश्वर का वरदान हैं । सुबह से रात तक मरीजाें काे देखने का वही जुनून, वही निष्ठा. व्यस्त इतने कि छह-छह माह बाद का भी नंबर बुक रहता था । प्रचार-प्रसार से दूर रहनेवाले डॉ सिन्हा न्यूराे के ताे मास्टर थे ही, इतिहास और संगीत के भी जानकार थे ।
घर में एक से एक दस्तावेज. अपने पिता के हाथ से लिखी डायरी-संस्मरण काे उन्हाेंने सहेज कर रखा है। उनकी निजी लाइब्रेरी में मेेडिकल साइंस से लेकर इतिहास की दुर्लभ किताबें माैजूद हैं । सदियों पुराणी बातें याद रहता था उन्हें ।
श्री सिन्हा का जन्म मनेर में हुआ था जो बिहार में पटना जिले का इलाका है । उनके पिता एक शिक्षक थे,देहाती वातावरण के माहौल में बचपन बीता। पढाई लिखी में अछे विद्यार्थी तो थे ही और जब यह तय करने का वक्त आया कि किस क्षेत्र में जाना है ताे यह निर्णय उनके पिताजी ने ही लिया । बीएचयू से आइएससी की पढ़ाई के बाद मेडिकल की पढाई के लिए दरभंगा मेडिकल कॉलेज गए और 1948 में उनकी एमबीबीएस की पढाई पूरी हुई । उसके बाद 1962 ई में रांची के रिम्स में नौकरी की । 1976 में भारत सरकार द्वारा सरकारी चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस पर रोक लगा देने के बाद उन्होंने रिम्स से त्याग पत्र देकर अपना निजी प्रैक्टिस शुरू किया ।
डॉ के के सिन्हा के परिवार में उनकी पत्नी , एक बेटा, बहू, एक पाेती और एक पाेता अपने पीछे छोड़ गए । पाेती की शादी हाे चुकी है और पाेता अभी पढ़ाई कर रहा है। उनकी कुल तीन बेटियां हैं तीनाें की शादी हाे चुकी है । बड़ी बेटी और दामाद रांची में ही रहते हैं, अन्य दाे बेटियां अपने पति और बच्चाें के साथ विदेश (अमेरिका और कनाडा) में रहती हैं । श्री सिन्हा का पुत्र बेटा व्यवसाय के क्षेत्र में है ।
डॉक्टर के के सिन्हा का निधन संपूर्ण देश एवं राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है, साथ ही उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता ।
राष्ट्र समर्पण उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है
झारखंड एवं पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त रांची के वरिष्ठ न्यूरो फिजिशियन डॉ केके सिन्हा का आज सुबह मेडिका अस्पताल में निधन हो गया।
डॉक्टर के के सिन्हा कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और कल ही उन्हें मेडिका अस्पताल से घर वापस भेजा गया था. बताया गया कि पिछले दिनों बाथरूम में फिसल कर गिर जाने के बाद उनके कमर में काफी चोट आ गयी थी। गुरुवार को उनका पेट अचानक फूल जाने के बाद उन्हें मेडिका अस्पताल लाया गया था। इलाज के दौरान अस्पताल में एनिमा दिया गया था और उनके कमर की भी जांच की गयी थी मगर शनिवार की सुबह उनका देहांत हो गया ।
डॉ केके सिन्हा रांची के ही नहीं बल्कि देश के जाने-माने न्यूरो फिजिशियन थे. उनके जाने से रांची के चिकित्सा जगत में शोक की लहर दौड़ गयी है । परिजनों ने बताया कि शनिवार को डॉ केके सिन्हा का अंतिम संस्कार होगा।
कैसे थे डॉ के के सिन्हा
डॉ केके सिन्हा देश के जाने-माने न्यूराेफिजिशियन थे । लोगों का कहना था की डॉ सिन्हा इश्वर का वरदान हैं । सुबह से रात तक मरीजाें काे देखने का वही जुनून, वही निष्ठा. व्यस्त इतने कि छह-छह माह बाद का भी नंबर बुक रहता था । प्रचार-प्रसार से दूर रहनेवाले डॉ सिन्हा न्यूराे के ताे मास्टर थे ही, इतिहास और संगीत के भी जानकार थे ।
घर में एक से एक दस्तावेज. अपने पिता के हाथ से लिखी डायरी-संस्मरण काे उन्हाेंने सहेज कर रखा है। उनकी निजी लाइब्रेरी में मेेडिकल साइंस से लेकर इतिहास की दुर्लभ किताबें माैजूद हैं । सदियों पुराणी बातें याद रहता था उन्हें ।
श्री सिन्हा का जन्म मनेर में हुआ था जो बिहार में पटना जिले का इलाका है । उनके पिता एक शिक्षक थे,देहाती वातावरण के माहौल में बचपन बीता। पढाई लिखी में अछे विद्यार्थी तो थे ही और जब यह तय करने का वक्त आया कि किस क्षेत्र में जाना है ताे यह निर्णय उनके पिताजी ने ही लिया । बीएचयू से आइएससी की पढ़ाई के बाद मेडिकल की पढाई के लिए दरभंगा मेडिकल कॉलेज गए और 1948 में उनकी एमबीबीएस की पढाई पूरी हुई । उसके बाद 1962 ई में रांची के रिम्स में नौकरी की । 1976 में भारत सरकार द्वारा सरकारी चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस पर रोक लगा देने के बाद उन्होंने रिम्स से त्याग पत्र देकर अपना निजी प्रैक्टिस शुरू किया ।
डॉ के के सिन्हा के परिवार में उनकी पत्नी , एक बेटा, बहू, एक पाेती और एक पाेता अपने पीछे छोड़ गए । पाेती की शादी हाे चुकी है और पाेता अभी पढ़ाई कर रहा है। उनकी कुल तीन बेटियां हैं तीनाें की शादी हाे चुकी है । बड़ी बेटी और दामाद रांची में ही रहते हैं, अन्य दाे बेटियां अपने पति और बच्चाें के साथ विदेश (अमेरिका और कनाडा) में रहती हैं । श्री सिन्हा का पुत्र बेटा व्यवसाय के क्षेत्र में है ।
डॉक्टर के के सिन्हा का निधन संपूर्ण देश एवं राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है, साथ ही उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता ।
राष्ट्र समर्पण उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है
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