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Saturday, June 1, 2019

सड़क दुर्घटना में घायल 30 वर्षीय महिला की मौत।



रिपोर्ट : रितेश / सतीश
  • परिजनों ने द होप हॉस्पिटल प्रबंधन और चिकित्सकों पर लगाया लापरवाही का आरोप।
  • हमने कोई कमी नहीं छोड़ी इलाज में : होप हॉस्पिटल



रामगढ़। शुक्रवार शाम को एनएच 33 रांची रोड द होप हॉस्पिटल के समीप सड़क दुर्घटना में घायल 30 वर्षीय महिला रीना देवी की मौत बेहतर इलाज के लिए रांची ले जाने के क्रम में हो गई। मृतिका के पति सूरज देव महतो ने बताया शुक्रवार शाम कोठार स्थित अपने घर से शादी समारोह में हिस्सा लेने मोटरसाइकिल से गिद्दी जा रहे थे। रांची रोड के समीप एक 12 चक्का ट्रक जेएच 02 एस 9241 ने उनकी मोटरसाइकिल को पीछे से टक्कर मार दी। जिससे मोटरसाइकिल पर सवार उनकी पत्नी रीना देवी और 2 वर्षीय पुत्र आशीष कुमार घायल हो गए। दुर्घटना में उनके 2 वर्षीय पुत्र के दोनों पैरों में फ्रैक्चर हो गया और पत्नी गंभीर रूप से जख्मी हो गई, उन्हें भी आंशिक चोटें आई। स्थानीय लोगों ने सभी घायलों को द होप हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया और पुलिस को सूचना दी। द होप हॉस्पिटल में दो ढाई घंटे के इलाज के बाद चिकित्सकों ने उनकी पत्नी को बेहतर इलाज के लिए रिम्स ले जाने की सलाह दी। परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ने गंभीर रूप से घायल महिला को बिना ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराए आधे घंटे से अधिक समय तक अस्पताल से बाहर निकाल कर छोड़ दिया। रांची ले जाने के लिए द होप अस्पताल प्रबंधन ने जो एंबुलेंस मरीज को उपलब्ध कराएं उसमें भी ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध नहीं थे जिसके कारण रांची जाने के क्रम में रास्ते में ही रीना देवी ने दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी होने पर कोठार के स्थानीय लोगों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सुबह तक शव को एंबुलेंस में ही छोड़ दिया और पुलिस को इसकी सूचना दी। मृतका के भाई भागीरथ महतो ने अपनी बहन के मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। द होप अस्पताल के सामने मृतका के परिजनों और 2 वर्षीय पुत्र आशीष कुमार का रो-रोकर बुरा हाल था। मृतका का 2 वर्षीय पुत्र घायल अवस्था में रो रो कर अपनी मां को खोज रहा था। जिसे देख कर वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई।


क्या कहना है होप हॉस्पिटल के अधिकारियों का?

होप अस्पताल की प्रशासनिक अधिकारी डॉ अपूर्वा ने बताया की एक महिला और उसका बच्चा होप हॉस्पिटल के आस-पास सड़क दुर्घटना में घायल पड़े हुए थे । द होप हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने घायल महिला और बच्चे को अस्पताल लाया जहां उनका प्राथमिक उपचार हुआ । महिला के होश में आने के बाद उसने अपने परिजनों के बारे में बताया और होप हॉस्पिटल वालों ने ही उस महिला के परिजनों को बुलवाया। तत्पश्चात जांच के दौरान पता चला कि महिला काफी घायल थी और उसका खून काफी ज्यादा बह रहा था। होप हॉस्पिटल खून की आवश्यकता पूरी नहीं कर सकता था इसलिए बेहतर इलाज के लिए उस महिला को रांची रेफर कर दिया। वही बच्चे को ज्यादा चोट नहीं आने की वजह से प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया। जहां तक महिला की स्थिति देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसे ऑक्सीजन की जरूरत नहीं थी मगर सलाइन के साथ उसे रांची रेफर किया गया। उन्होंने कहा घायल महिला के इलाज में अस्पताल के चिकित्सकों ने अपनी चिकित्सीय जिम्मेवारी निभाते हुए इलाज किया। घायल महिला को अस्पताल प्रबंधन के द्वारा रांची रेफर किए जाने के बाद महिला के परिजनों ने रांची में अस्पताल चयन करने के निर्णय को लेकर काफी देर की। डॉ अपूर्वा ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें उस महिला के परिवार के प्रति सहानुभूति है।

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