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Tuesday, July 2, 2019

जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान : देशभक्तों की मूर्ति पर रामगढ़ में विवाद




रितेश कश्यप

रामगढ़। संत कबीर के द्वारा एक दोहा बड़ा प्रचलित हुआ " जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान, मोल करो तलवार का पड़ा रहन दो म्यान"। मगर कुछ लोग आज भी साधु के जाति पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला रामगढ़ थाने के अंतर्गत रविवार को आया वहां कुछ लोगों ने एक आवेदन देकर बताया गया कि रामगढ़ जिला के कोर्ट परिसर में बिरसा मुंडा की मूर्ति लगाई जा रही है जो नहीं लगना चाहिए और अगर लगनी भी चाहिए तो सिर्फ सरदार पटेल की लगनी चाहिए । और तो और इस मांग का आधार जनसंख्या को मानकर दिया गया। मांग यह भी की गई की बिरसा मुंडा की मूर्ति लगाने को लेकर जो काम चल रहा है उसे तत्काल बंद कर दिया जाए।

जहां एक ओर समाज में सामाजिक समरसता की बात की जा रही हो,  जातिगत भेदभाव को मिटाने की बात की जा रही हो वहीं दूसरी ओर लोग जातिगत बंधनों से दूर हटने का सोच भी नहीं पा रहे हैं। लोगों में यह दुर्भावना इस कदर घर करती जा रही है की अब मूर्तियों में भी जातिगत समीकरण देखा जाने लगा है। किसी की मूर्ति अगर किसी चौक चौराहे पर लगाई जाती है तो भाव यह रहता है कि हम उनके आदर्शो पर चलें और देश को आगे बढ़ाने की बात करें फिर वह मूर्ति चाहे अंबेडकर साहब की हो , बिरसा मुंडा की हो या फिर सरदार वल्लभ भाई पटेल की हो।

अब सोचने वाली बात यह है कि आखिर सरदार वल्लभ भाई पटेल ने या फिर बिरसा मुंडा ने ऐसा कौन सा संदेश दिया था की लोगों को ऐसा लग रहा है कि पटेल सिर्फ एक समुदाय के लिए थे और बिरसा मुंडा अन्य समुदाय के। जबकि दोनों ने इस देश और देश के  लोगों के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। एक तरफ बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों से लड़कर इस देश के लोगों के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी दूसरी ओर सरदार वल्लभभाई पटेल ने संपूर्ण भारत को एकजुट करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। वही आज उनके अनुयाई देश की अखंडता पर चोट करते हुए उनकी मूर्तियों में ही जातिगत भाव ढूंढ रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि इस तरह के आवेदन को प्रशासन अगर मान भी ले तो सरदार पटेल के समर्थक उनके आदर्शों पर चलना शुरू कर देंगे क्या ? समुदायों के बीच में टकराव की संभावना प्रबल नहीं होगी क्या?
इस तरह की घटनाओं से लोगों में भेदभाव की भावना प्रबल होगी और प्रशासन को भी ऐसे लोगों को शिक्षित करने की जरूरत है ताकि लोगों के बीच सामाजिक सद्भावना बनी रहे।

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