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Sunday, December 25, 2022

विकास और सुशासन के प्रणेता राष्ट्र नायक अटल बिहारी बाजपेयी : रंजन फौजी


असाधारण व्यक्तित्व के धनी,  युगपुरुष, भारत रत्न से सुशोभित पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी के जयंती के उपलक्ष्य पर आज भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री रंजन फौजी के द्वारा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रणंजय कुमार उर्फ कुंटू बाबू एवं मीडिया प्रभारी सत्यजीत चौधरी के मौजूदगी में प्रेस वार्ता किया गया।


रंजन फौजी ने बताया कि अटल बिहारी बाजपेयी जी ने राजनीति में रहते हुए सुचिता, पारदर्शिता, स्पष्टवादिता और सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता के कारण राजनीतिक जीवन में जो मानदंड स्थापित किया वह आज भी सभी के लिए प्रेरणा का कार्य करता है। 

अटल जी अक्सर कहते थे कि सत्ता हमें सुख भोगने के लिए नहीं मिली अपितु समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के कल्याण और राष्ट्र की सेवा के लिए मिली है। राष्ट्र नवनिर्माण की नीव रखने वाले अटल जी के जन्मदिवस को राष्ट्र सुशासन दिवस के रूप में आज मनाता है। 

अटल जी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व विशाल था वह प्रखर राष्ट्रवादी एवं ओजस्वी वक्ता थे, उनको सुनने के लिए लोग स्वप्रेरणा से पहुंचते थे ।

25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जन्मे अटल जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के धेयनिष्ट स्वयंसेवक थे। अटल जी जहां भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में थे वहीं वे 6 अप्रैल 1980 को गठित भारतीय जनता पार्टी के प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे । पार्टी के सिद्धांतों को सर्वव्यापी और सर्वस्पर्शी बनाने के लिए अटल जी ने लगातार प्रवास कर विभिन्न स्तरों पर कार्य किया । संवाद सहयोग एवं सक्रियता से लोगों को जोड़ने की उनके अंदर अद्भुत क्षमता थी।

उनका संपूर्ण संसदीय जीवन लोकतांत्रिक आदर्श एवं मूल्यों को समर्पित रहा। एक सांसद, एक विपक्ष के नेता एवं एक प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी ने संसदीय लोकतंत्र की गरिमा को स्थापित किया। वे सर्वमान्यता कि उस चोटी पर विराजते थे जहां विपक्षी राजनीतिक दल ना केवल उनका सम्मान करते थे अपितु उनके बताए गए मार्ग का अनुसरण भी करते थे। उनकी प्रतिभा के कारण संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दुष्प्रचार के खिलाफ जब उन्हें जिनेवा में भारत का पक्ष रखने के लिए भेजा गया तो उन्होंने दलगत भावना से ऊपर उठकर राष्ट्र सर्वप्रथम के जज्बे के साथ जिस मजबूती से भारत का पक्ष रखा उसकी आज भी प्रशंसा की जाती है। विकास और सुशासन के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा की मजबूती पर उन्होंने सर्वाधिक कार्य किए। पोखरण में परमाणु बम विस्फोट कर उन्होंने भारत को परमाणु संपन्न राष्ट्र घोषित किया । अटल जी के कार्यकाल में जब पाकिस्तान ने कारगिल में भारत की भूमि पर कब्जा करने की कोशिश की तो भारतीय सेना ने अदम्य शौर्य  एवं साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तान को पीछे धकेल दिया। 

अटल जी सही मायने में भविष्यदृष्टा थे । उनके कार्यकाल में स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, नदियों को जोड़ने की योजना, गांव गरीब और किसानों को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना इत्यादि का प्रारंभ उनके ही कार्यकाल में किया गया था। झारखंड के लोगों की जन भावनाओं का सम्मान करते हुए उन्होंने नए झारखंड राज्य की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की।


 भारत के प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने उदयीमान भारत की जो नीव रखी उसमे भविष्य के भारत की नीव का पत्थर छिपा था।

 उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारतवर्ष ना सिर्फ सैन्य महाशक्ति बल्कि आर्थिक महाशक्ति के रूप में भी स्थापित हो रहा है।

अटल जी के आदर्श हमारे लिए अमूल्य धरोहर हैं। उनके सिद्धांत, जीवन प्रसंग, राजनीति एवं शासन के क्षेत्र में उनके द्वारा उठाए गए कदम सदैव अनुकरणीय रहेंगे।

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