झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने किया डॉ संजय सिंह द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन - Rashtra Samarpan News and Views Portal

Breaking News

Home Top Ad

 Advertise With Us

Post Top Ad


Subscribe Us

Saturday, January 7, 2023

झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने किया डॉ संजय सिंह द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन

 


रांची स्थित राजभवन के सभागार में शुक्रवार को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने शिक्षाविद डॉक्टर संजय प्रसाद सिंह द्वारा लिखित दो पुस्तक 'अभिप्रेरणा के स्वर' और 'खुशी और सफलता' का विमोचन कार्यक्रम संपन्न हुआ। 

यह विमोचन व लोकार्पण खुद राज्यपाल  के  हांथों से किया गया। पुस्तक विमोचन के पूर्व कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य प्रो. यदुनाथ पांडेय एवं डा. संजय प्रसाद सिंह समेत प्रकाशक, पत्रकार व समाजसेवी ने राज्यपाल को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र, प्रतीक चिह्न प्रदान कर स्वागत किया।


पुस्तक विमोचन व लोकार्पण के पश्चात महामहिम राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि डॉक्टर संजय प्रसाद सिंह द्वारा लिखित प्रथम पुस्तक अभिप्रेरणा के स्वर में कुल 75 कविताओं का संकलन है जो आजादी के 75 वर्षों के सुअवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव से जुड़े सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विषयों से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण जानकारियों का समावेश है। मेरी 75 कविताओं का संकलन वास्तव में छात्र - युवा शक्ति और समाज के लिए अभिप्रेरणा के रूप में है। अभिप्रेरणा के स्वर में मानवता व राष्ट्रीयता का लोकार्पण है। खुशी और सफलता के बारे में उन्होंने कहा कि आज परिवार और समाज में प्रायः आंतरिक एवं बाहरी खुशी देखने को कम मिलती है। परिवार के चेहरे पर तनाव देखने को मिलता है। आज के दौर में तनाव जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुका है | वैसे तो तनाव की अचूक दवा हंसी व खुशी है। प्रकृति का अनमोल उपहार हंसी है, जीवन में हंसने से तनाव पैदा करने वाले हार्मोन्स का स्तर कम होता है।वैसे तो खुलकर हंसने से चेहरे और गले की मांसपेशियों के लिए उत्तम व्यायाम भी है। उन्होंने कहा कि आज की भाग दौड़ वाली जिंदगी में अधिकांश लोग धन के पीछे, शोहरत व पद प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए वर्चस्व स्थापित करने की होड़ लगी है । आज जरूरत है समाज के लोगों को सकारात्मक सोच के साथ रचनात्मक गतिविधियों को जीवन में आत्मसात कर सदैव चेहरे पर एक अदद मुस्कान के साथ हंसता मुस्कराता जीवन जीने की जरूरत है। जीवन में खुश रहकर ही सफलता को प्राप्त करना सबसे बड़ी उपलब्धि है। 


अंत में शिक्षाविद डा.संजय प्रसाद सिंह को महामहिम राज्यपाल ने बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि लेखन कला की अद्भुत क्षमता है, सकारात्मक बदलाव के लिए निरंतर लेखनी चलता रहे।

कार्यक्रम समारोप से पूर्व डा. सिंह ने महामहिम राज्यपाल के जीवन से जुड़े स्वरचित रचना को प्रस्तुत किया और महामहिम राज्यपाल को सादर समर्पित किया। डा. सिंह ने पुस्तक विमोचन व लोकार्पण हेतु राज्यपाल के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कृतज्ञता अभिव्यक्त किया । इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रोफेसर यदुनाथ पांडेय, पुस्तक प्रकाशक अभिषेक तनेजा, मुकेश सिंह, विजय जायसवाल, रॉबिन गुप्ता, ब्रजेश पाठक, शिव महतो, जय श्री उपस्थित थे।

No comments:

Post a Comment

Like Us

Ads

Post Bottom Ad


 Advertise With Us