--रितेश कश्यप
कहा जाता है जो व्यक्ति सबसे ऊंचा बैठता है वह सबसे पहले दिखाई देता है। ऐसा ही कुछ आज की एक खबर से देखने को मिला। झारखंड के पतरातू लेक रिसोर्ट की प्रसिद्धि को लेकर कई तरह के अफवाहें और खबरें बाजार में बड़ी ही आसानी से तैरने लगती है। इसी क्रम में एक न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से यह खबर वायरल हो गई कि झारखंड के स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले पतरातू लेक रिसॉर्ट इसलिए बंद रहेगा क्योंकि वहां पर सभी आईएएस अधिकारी की पत्नियां पिकनिक मनाने आ रही है।
अब किसी भी खबर में किसी प्रसिद्ध स्थान के साथ शीर्ष नेतृत्व करने वाले अधिकारियों का नाम नकारात्मक रूप में जोड़ दिया जाए तो बिल्कुल वायरल होना आज के सोशल मीडिया युग में बड़ा ही आसान होता है। इसके कई फायदे भी होते हैं और फायदों से ज्यादा नुकसान होता है। इस तरह की खबरों के वायरल होने से किसी दूसरे को फायदा हो ना हो मगर खबर फैलाने वाले को फायदा जरूर मिल जाता है। दूसरी तरफ अगर नुकसान की बात करें तो समाज में इस तरह के संदेश के फैलने के बाद प्रशासन एवं जनता के बीच की दूरियां बढ़ने लगती है क्योंकि जनता तो वही देखती है जो उसे हमारा मीडिया दिखाता है।
हालांकि जिस न्यूज़ पोर्टल ने यह खबर वायरल की थी उसे स्पष्टीकरण भी देना पड़ा। वैसे मीडिया और प्रशासन की कभी बनी तो नहीं है मगर हम जैसे सभी मीडिया और मीडिया कर्मियों को ऐसी हरकत से बचने की जरूरत है क्योंकि जिस प्रकार हमें चौथे स्तंभ का दर्जा प्राप्त है हम अपनी गरिमा बरकरार रखें तो शायद लोग भी हम पर भरोसा बनाए रखेंगे।
अब हम लोग खबर के विश्लेषण पर बात करें तो रामगढ़ के उपायुक्त संदीप सिंह के अनुसार पतरातू लेक रिसोर्ट को तकनीकी कारणों से बंद किए जाने की बात कही गई थी जिसमें बताया गया था कि 19 तारीख को JTDC (Jharkhand Tourism Development corporation) का मेनटेनेंस पहले से ही तय था। रामगढ़ उपायुक्त संदीप सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि रिसोर्ट पूरी तरह से पर्यटकों के लिए बंद नहीं रहेगा बल्कि जहां जहां काम चल रहा है उस जगह कुछ स्थानों पर पर्यटकों के लिए आवाजाही की मनाही रहेगी।
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