कोरोना वोरियर पर हावी उन्मादी भीड़तंत्र
झारखंड में रांची के कोरोना का हॉटस्पॉट बने हिंद
पीढ़ी क्षेत्र में कोरोना वॉरियर्स पर हमला होना अब आम हो गयी है। कभी स्वास्थ्य
कर्मियों के साथ मारपीट का मामला आता है तो कभी सीआरपीएफ के जवानों के साथ मारपीट
की खबर आ जाती है।
हिंदपीरी में शनिवार की रात सीआरपीएफ के जवानों पर हमला कर दो
जवानों को बुरी तरह से घायल कर दिया गया। उनका दोष मात्र इतना था कि वो लोग
हिंदपीढ़ी के लोगों को बाहर निकलने से मना कर रहे थे। जानकारी के अनुसार शनिवार को
पूर्व पार्षद मोहम्मद असलम, उनके भाई मुन्ना, अफरोज आसिफ और मोनू की बहस सीआरपीएफ
के जवानों से हो गई थी। साथ ही यह भी पता चला कि हिंदपीरी में रहने वाले लोगों के
लिए है सब्जी और राशन लेकर एक वाहन वहां पहुंचा था जिसे अंदर जाने को लेकर विवाद
शुरू हो गया। सीआरपीएफ के जवान उस वाहन को अंदर जाने की अनुमति नहीं दे रहे थे इसी
बात को लेकर वहां मौजूद कुछ युवकों ने बैरियर तोड़कर बाहर निकलने की कोशिश की है।
हालांकि उस समय सारा मामला शांत हो चुका था मगर कुछ देर के बाद ही लगभग 50 युवकों के साथ पूर्व पार्षद मोहम्मद असलम वहां पहुंचे और
सीआरपीएफ के जवानों पर टूट पड़े जिसमें 2 जवान घायल हो गए और
कुछ जवानों को वहां से भागना पड़ा। आसपास के क्षेत्रों में जब इस घटना की सूचना
फैली तो मौके पर हजारों की संख्या में भीड़ एकत्र होने लगी। स्थिति इस कदर बिगड़ गयी की अनियंत्रित
होता देख प्रशासन की ओर से आंसू गैस एवं रबड़ की गोलियां तक चलानी पड़ी। स्थानीय
प्रशासन को भी खबर दी गयी उसके बाद वहां वरीय पुलिस पदाधिकारियों का जमावड़ा लग गया।
मामले को शांत करने के लिए रांची के डीसी राय महिमापत रे रांची के एसएसपी अनीश
गुप्ता समेत जिला प्रशासन के कई अधिकारी हिंदपीरी में ही कैंप करना पड़ा।
मार भी खाएं और माफ़ी भी हम ही मांगे
इस घटना के बाद मोहम्मद असलम का एक वीडियो वायरल
हुआ है जिसमें पुलिस के वरीय पदाधिकारियों द्वारा माफी मांगे जाने और तैनात
पुलिसकर्मीयों को ससपेंड करने की बात कही
गयी । हालाँकि मो असलम ने इसी विडियो में धमकी भी दे डाली की वहां मौजूद चौक
चौराहों पर सभी पुलिस कर्मियों को हटा लिया जाए क्योंकि वहां की पुलिस माहौल को
ख़राब कर रहे है। प्रशासन के विरोध करने और लोगों को एकजुट होने पर मोहम्मद असलम ने
प्रशासन के सामने ही स्थानीय लोगों का धन्यवाद दिया।
क्या कहा झारखण्ड के दिग्गजों ने ?
झारखण्ड के पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने कहा की हिंदपीढ़ी में हुई घटना की सुचना उन्हें रत ए डे दी गयी थी उसके बाद
उन्होंने वहां के एसएसपी से संपर्क करने का प्रयास किया मगर ना तो उनका फोन उठा और
ना ही कोई जवाब आया । उन्होंने सुरक्षा से जुड़े अधिकारीयों पर आरोप
लगाया की किसी घटना होने पर जनप्रतिनिधि का फोन तक नहीं उठाते हैं तो जनता का फ़ोन
कहाँ से उठाएंगे और इसे क्या समझा जाए?
हिंदपीढ़ी में रात में कुछ घटनाएं हुई जिसको लेकर वहां के हिंदू समुदाय के लोगों ने कई बार फोन किया व सुरक्षा व्यवस्था की मांग की।मैंने SSP को इसके लिए 5 बार फोन किया लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ।बाद में यह विडियो देखा तो समझ आया संभवत वे तो माफी मांगने में मशगूल होंगे।'धन्यवाद' उन्हें। pic.twitter.com/DAV8G6E48H— CP Singh (@bjpcpsingh) May 16, 2020
भाजपा के हटिया विधायक नवीन जयसवाल ने झारखण्ड
सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया और कहा की जहाँ एक ओर पूरा देश कोरोना वारियर्स को सम्मान की नजर से देख रहा है,वहीं रांची के हिंदपीढ़ी क्षेत्र में हमारे सुरक्षा बल के जवानों पर हमले की घटना दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है एवं जिला प्रशासन को तत्काल दोषियों को चिन्हित कर कठोर कारवाई करने की बात कही ।
जहाँ एक ओर पूरा देश कोरोना वारियर्स को सम्मान की नजर से देख रहा है,वहीं रांची के हिंदपीढ़ी क्षेत्र में हमारे सुरक्षा बल के जवानों पर हमले की घटना दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है..जिला प्रशासन को तत्काल दोषियों को चिन्हित कर कठोर कारवाई करनी चाहिए— Navin Jaiswal (@navinjaiswal4) May 16, 2020
प्रतुल शाह देव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बिना
भेदभाव के शासन करने की बात कही । आगे उन्होंने कहा की पूरे देश में लोक डाउन का अनुपालन कराने के लिए हो रही सख्ती पर कहीं कोई प्रश्न
नहीं करता।लेकिन हिन्दपीढ़ी में असामाजिक तत्वों ने विधि व्यवस्था को चौपट कर
दिया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा की जो सीआरपीएफ अपनी शौर्य और पराक्रम के लिए
प्रसिद्ध है उनके साथ जिला प्रशासन आखिर किसके दबाव में आकर जवानों का मनोबल
गिराने की का काम कर रही है ।
कल हिंदपीढ़ी में हुई घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है,राज्य सरकार एक मोहल्ले को संभालने में नाकाम सिद्ध हो रही है.— Deepak Prakash (@dprakashbjp) May 17, 2020
आखिर जिला प्रशासन किसके दबाव में @crpfindia के मनोबल को गिराने का काम कर रही है?
वरना CRPF तो अपने पराक्रम के लिए प्रसिद्ध है और किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है. pic.twitter.com/3yy3PNp8RT
सुलगते सवाल
- पूर्व पार्षद द्वारा अधिकारीयों के सामने ही प्रशासनिक कार्यवाही के खिलाफ पूरे भीड़तंत्र और उपद्रव मचा रहे लोगों को एकजुटता के लिए धन्यवाद देना कहां तक जायज है?
- पूरा हिंदपीढ़ी कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है । प्रशासन वहां के लोगों को अन्य किसी लोगों से मिलने जुलने से रोक रही है उसी प्रशासन पर हमला करना और हमला करने वालों उपद्रवियों को गिरफ्तार करने के बजाए उन्हीं से माफी मांग कर उनका का मनोबल क्यों बढाया गया?
- सीआरपीएफ के जवानों को सस्पेंड करने की बात कहना सही है क्या?
- हमारी सरकार या प्रशासन आखिर लाचार क्यों दिखाई दे रही है?
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