अजय / रितेश
गाँव देहात में अकसर एक कहावत सुनने को मिल ही जाती है “ छूछा के कौन पूछा ”गरीबों का हक़ मारने की प्रथा पुरानी हो गयी है । कभी कोई जनप्रतिनिधि किसी गरीब का हक मार लेता है तो कभी कोई सरकारी पदाधिकारी। ऐसा ही कुछ सोसोकला निवासी और एक आदिवासी महिला कमली देवी के साथ हुआ । किसी भी प्रकार का सरकारी मदद मिलने से पहले धांधली की बात हमेशा सुनने में आती है वही कमली देवी के साथ भी हुआ । कमली देवी का घर बहोत ही छोटा है जहाँ बढ़ी मुश्किल उसका और उसके परिवार का गुजर बसर हो रहा था। काफी कोशिशों के बाद उसका चयन अंबेदकर आवास के लिए हुआ मगर उसमे भी अब ग्रहण लग गया । कमली देवी के अनुसार पंचायत सेवक द्वारा जिओटैग करने के नाम पर उसका असली पासबुक, जोब कार्ड और अधार कार्ड अपने पास रख लिया था । कमली देवी इस इंतज़ार में थी की अब उसे आवास के राशी आवंटित हो जाएगी मगर काफी समय बिट जाने के बाद भी जब कोई प्रति क्रिया नहीं आई तो उनसे प्रखंड मुख्यालय पहुँचकर सारे मामले को जाना । प्रखंड कार्यालय में उसे पता चला की जो आवास उसके लिए आवंटित हुआ था वो किसी और को दे दिया गया ।
अंत में कमली देवी ने मंगलवार के दिन गोला बीडिओ को आवेदन देते हुए स्थानीय मुखिया और पंचायत स्वयंसेवक पर हेराफेरी करने का आरोप लगाया । आवेदन में कहा गया है कि उनका चयन भीमराव अंबेदकर आवास के लिए हुआ है। इसके कुछ दिन बाद जब लाभुक प्रखंड मुख्यालय पहुंची तो उन्हें पता चला कि उनका आवंटन काटकर दूसरे के नाम से कर दिया गया है। महिला ने बीडीओ से अविलंम्ब जाँच कर न्याय दिलाने की गुहार की है।
ग्रामीणों से पूछे जाने पर ग्रामीणों बताया की कमली देवी अत्यंत गरीब आदिवासी महिला है और मजदूरी कर अपना जीविकोपार्जन करती है तथा रहने के लिए वर्तमान में एक जर्जर झोपड़ी है। जिसमें वह खुद और उसकी बच्चे रहते हैं। लोगो ने बताया की अगर जोर की बरसात आई तो कभी भी झोपड़ी ध्वस्त हो सकती है।
इस संम्बंध में पंचायत स्वयं सेवक विवेक कुमार महतो से मोबाइल पर पूछे जाने पर बताया कि कमली देवी की स्थिति को देखते हुए आवास के लिए चयन किया गया है। लेकिन वरीय पदाधिकारी के दबाव में उसी गाँव के एक सक्षम व्यक्ति का चयन करने को कहा जा रहा है। इस सम्बन्ध में गोला के बीडीओ से फ़ोन पर बात करने की कोशिश भी की गयी मगर उनका फ़ोन नहीं उठा ।
सुलगते सवाल
- आखिर जिओ टैग के नाम पर किसी के असली कागजाद लेने का क्या कारण हो सकता है ?
- कौन है वो वरीय पदाधिकारी जिसने एक आदिवासी महिला का छिना हक़ ?
- आखिर कब तक गरीबों का हक़ मार कर अमीरों को दिया जाता रहेगा ?
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