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Monday, April 29, 2019

मुकाबले में एक की गलती दुसरे को फायदा पहुचाती ही है : हजारीबाग लोकसभा की कहानी




              जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे उम्मीदवार और उनके सहयोगी बड़े ही फॉर्म में नजर आ रहे हैं। मगर कभी कभी ज्यादा ही फॉर्म में आ जाना नुक्सान देह हो जाता है । ऐसा ही कुछ हजारीबाग लोकसभा चुनाव  के दरमियान दिख रहा है ।
            हजारीबाग़ लोकसभा में कुछ दिनों तक तो लग रहा थी की कांग्रेस आत्मसमर्पण कर वामदलों के साथ हो लेगा और साथ में कई अटकलें भी लगाई जा रहीं थी । मगर चलो अब सारी अटकलों पर विराम लग गया और गोपाल साहू को देर से सही मगर मैदान में उतार दिया गया ।
            मैदान में आने के बाद यहाँ के लोकसभा चुनाव का शुरुआती दौर त्रिकोणीय माना जा रहा था । सभी ने यह मान लिया था कि मुकाबला भाजपा प्रत्याशी जयंत सिन्हा, कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल साहू और वामदल समर्थित सीपीआई के भुवनेश्वर प्रसाद मेहता के बीच दमदार होने वाला है।
             पर जैसे ही चुनाव प्रसार प्रारम्भ हुआ उसके चंद दिनों के बाद ही विपक्ष के महारथियों की हवा निकलती नजर आने लगी है । कांग्रेस के  प्रत्याशी गोपाल साहू  के सिर्फ नाम से ही जहाँ  कार्यकर्ताओ में मायूसी छा  रही  थी वहीँ  उनका नाम के घोषणा के बाद भी कार्यकर्ताओं में दबे जुबान से ही सही मगर नारजगी देखि जा रही थी  इसी वजह से शायद  विरोध का सामना करना पड़ रहा है ।  विरोध के कई वजह हो सकते हैं मगर कुछ दिनों पहले अखबार में एक खबर के हवाले से पता चला की अल्पसंख्यक समुदाय के लोग खासा नाराज हैं क्योंकि पुरे झारखण्ड में एक भी अल्पसंखयक को सीट नहीं दी गयी ।
             खैर अब सारी बातों को हटा के एक नई  घटना ने हजारीबाग लोकसभा में सनसनी जरुर पैदा कर दिया।   गोपाल साहू के इलेक्शन कैम्प होटल एके इंटरनेशनल हज़ारीबाग में जिला प्रशासन की रेड पड़ने से उनकी मुसीबत और बढ़ गयी है। होटल में गोपाल साहू के नाम से बुक की गई कमरे से लगभग 22 लाख रुपये बरामद की गई । इस घटना के बाद समाज मे जो सन्देश जायेगा वो कदाचित कांग्रेस के हित में नहीं । 
            अब बात करें स्टार प्रचारकों की तो इस क्रम में भी भाजपा  हजारीबाग लोकसभा में इन दोनों पार्टीयों के प्रचार आगे नजर आ रहा है । जयंत सिन्हा के लिए  सबसे पहले स्टार प्रचारक के रूप में  केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह  के रूप में नजर आ चुके हैं और आने वाले दिनों में कई बड़े स्टार प्रचारक का नाम  आ रहा है जो जयंत सिन्हा के पक्ष में प्रचार करने हज़ारीबाग पंहुचने वाले हैं। वहीँ अगर बात करे काग्रेस के स्टार प्रचारक हार्दिक पटेल जो रविवार को रामगढ में आगमन हुआ । हार्दिक पटेल का स्वागत में कांग्रेसियों ने कोई कसर तो नहीं छोड़ी मगर महागठबंधन दल के लोग नजर नहीं आये इससे भी यही साबित हो रहा है की कांग्रेस महागठबंधन  में कहीं ना कहीं कुछ  गड़बड़ तो है । वंही अगर बात करे सीपीआई के भुवनेश्वर प्रसाद मेहता की तो  अब तक इनके तरफ से कोई स्टार प्रचारक हजारीबाग लोकसभा में दृष्टिगोचर नहीं हुए हैं उस लिहाज से  इनका भी चुनाव प्रसार ठंड बस्ते में ही नजर आ रहा है ।

ये तो दुनिया की रीत है हर मुकाबले में किसी एक की गलती दुसरे को फायदा पहुचाती ही है ।

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